safaldoctor.com | अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बीमारी के इलाज का रास्ता खोज निकाला है, जो आँखों की रोशनी छीन लेती है। इस बीमारी का नाम है “नियोवस्कुलर एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन” (Neovascular age-related macular degeneration)। इसे याद रखने की ज़रूरत नहीं है, बस इतना समझिए कि यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें उम्र बढ़ने के साथ आँखों में असामान्य रक्त कोशिकाएँ बन जाती हैं, जिससे आँखों का वह हिस्सा खराब हो जाता है जो हमें देखने में मदद करता है।
एंटी-वीईजीएफ दवा: कुछ लोगों के लिए ही कारगर
अब तक इस बीमारी का इलाज केवल कुछ लोगों पर ही प्रभावी होता था, लेकिन वैज्ञानिकों ने अब पता लगा लिया है कि ऐसा क्यों होता है। इसके साथ ही, उन्होंने एक नया इलाज भी खोज निकाला है जो एंटीबॉडी (Antibody) पर आधारित है।
बीमारी की मुख्य वजह
आँख के पीछे असामान्य रक्त कोशिकाओं (Blood vessels) का बढ़ना इस बीमारी का मुख्य कारण है। बढ़ती उम्र, मधुमेह, मोटापा और अन्य बीमारियाँ इसके प्रमुख कारण बन सकती हैं। ये रक्त कोशिकाएँ आँख के उस हिस्से को नुकसान पहुँचाती हैं, जहाँ से दिमाग को रोशनी का संकेत मिलता है।
एंटी-वीजीएफ दवा का प्रभाव
इस बीमारी के इलाज के लिए अब तक एंटी-वीजीएफ (Anti-VEGF) दवा का उपयोग किया जाता रहा है। यह दवा रक्त कोशिकाओं के बढ़ने को रोकती है, लेकिन इसका प्रभाव केवल एक तिहाई लोगों पर ही होता है।
इस नई खोज से उम्मीद है कि अब और अधिक लोगों को इस बीमारी के प्रभाव से राहत मिल सकेगी। वैज्ञानिकों का यह प्रयास स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।